•Main bhatka nahi yaro apne raste se kyonki
Mummy-Papa ki aashayein judi jo hain mujhse..
Jab kuch log jo ki
papa ke dost hua karte hain, papa se bolte hain ki baccho par aajkal nigrani
rakhni padti hai to Papa ka Jawab hota hai ki vishwas hai Mujhe apne baccho par
to accha lagta hai..aur mujhe es baat ki bhi khushi hai ki maine unke vishwas ko
banaya hua h..
•Log bhatak kyon jate hain raste se apne..hume dekho
bhatak-bhatak ke raste par aa hi jate hain.
Mitti ka Matka aur Parivar ki kimat kewal banane wale ko pata
hoti hai, todne walo ko nahi...Sanghars Pita se seekhiye aur Sanskar Maa se
seekhiye.
Neha
Kakkar ki ye lines Papa ke liye-
•Dukh ho chaahe sukh ho
tumhari aankhein namm nahin hoti hai..Dil se nikalti mere liye duaaein kum
nahin hoti hai...Gusse mein kabhi baat karun toh, mann hi mann seh jaate
ho...Papa khud sab sehte ho, humse nahi kuch kehte ho.
•Hai maloon ki meri
khaatir, tum jaan bhi de sakte ho...Ek insaan nahin, saare jahan se mere liye ladd
sakte ho...Meri taraf ik aanch bhi aaye toh khud aage aa jaate ho...Papa khud
saab sehte ho, humse kuch nahin kehte ho.
पिता एक अस्तित्व , जिसके सानिध्य को प्राप्त करते ही एक घने बरगद की छाया में मिलने वाली शांति सा अहसास होता है ,
अपनी विशाल शाखाओ की छाया में सुरक्षा का अहसास प्रदान करने वाले वृक्ष जो प्रकृति की मार से कर रहे संघर्ष का अहसास छाया लेने वाले को नहीं होने देता_
उसी तरह पिता सदैव संघर्ष कर अपने पुत्र के जीवन को आकार देने के लिए अपनी खुशियो का त्याग करता है।
एक किशोर जो युवावस्था में पहुंच अपनी जीवन के सर्वश्रेष्ठ काल के चिर आनंद को भोगते हुए जैसे ही पितृत्व का अहसास प्राप्त करता है ,
उसे संयम की शक्ति , त्याग की भावना और अपनी पहचान को बांटने का सामर्थ्य प्राप्त होता है,
और यही संयम उसके पुत्र को साहस प्रदान करता है ,
यही त्याग की भावना पुत्र के जीवन की अंश पूंजी होती है,
यही पहचान उसे बहुत से रिश्ते दिलाती है ,
जिस पहचान और रिश्तो के जरिये वो पिता के बताये और अपनी महत्वाकांक्षाओं की प्राप्ति के मार्ग पर चलता है।
सूर्य प्रतिदिन उदित हो अपने प्रकाश से और प्रकाश में समाहित ऊर्जा से समस्त संसार को जीवन प्रदान कर और समस्त प्राणियों के जीवन को सुचारू चलने की व्यवस्था करते है ,
परिवार में वही स्थान पिता का होता है,
जिसकी दिनचर्या अपने परिवार की सुचारू जीवन के लिए होती है ,
वो न सिर्फ माता को बीज प्रदान कर अपनी संतान का निर्माण करता है वरन उसे नित्य अपनी आजीविका से सींच कर एक विशाल वृक्ष बनाने में अपना पूर्ण सहयोग भी प्रदान करता है।
पिता एक असीमित विषय है जिस पर जितना कहा या लिखा जाये उतना कम है ,
पिता की अनेक संतान हो सकती है परन्तु सभी के लिए पिता का भाव हमेशा सम होता है ,
यही पिता के हृदय की विशालता होती है।
पिता कैसा भी हो सफल, असफल, अमीर , गरीब , शिक्षित या फिर अशिक्षित , उसका भाव अपने पुत्र को हर क्षेत्र में अपने से अधिक सफल देखने का ही होता है ,
यही आकर शायद उसकी प्रतियोगिता की भावना समाप्त हो जाती है। पुत्र को कई रिश्तो की सम्पूर्णता प्रदान करने वाला पिता उसे अनुभव प्रदान करने के लिए उसके बाल साथी , शिक्षक ,युवा मित्र और कई बार अंग रक्षक भी बन कर उसके व्यक्तित्व को निखारता है। यही पिता कहलाते हैं ।
Neha Kakkar ki ye lines Papa ke liye-
•Dukh ho chaahe sukh ho tumhari aankhein namm nahin hoti hai..Dil se nikalti mere liye duaaein kum nahin hoti hai...Gusse mein kabhi baat karun toh, mann hi mann seh jaate ho...Papa khud sab sehte ho, humse nahi kuch kehte ho.
•Hai maloon ki meri khaatir, tum jaan bhi de sakte ho...Ek insaan nahin, saare jahan se mere liye ladd sakte ho...Meri taraf ik aanch bhi aaye toh khud aage aa jaate ho...Papa khud saab sehte ho, humse kuch nahin kehte ho.
Mitti ka Matka aur Parivar ki kimat kewal banane wale ko pata hoti hai, todne walo ko nahi...Sanghars Pita se seekhiye aur Sanskar Maa se seekhiye.
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