#Earthquake
भूकंप का विवरण:
तारीख और समय: 28 मार्च 2025 को दोपहर 12:50 बजे (स्थानीय समय, UTC +6:30), जो भारत में सुबह 12:02 बजे (IST) के आसपास हुआ।
तीव्रता: 7.7 मैग्निट्यूड, रिक्टर स्केल पर।
स्थान: #म्यांमार के मांडले (#Mandalay) शहर के पास, सागाइंग (Sagaing) क्षेत्र में इसका केंद्र था। भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर थी।
प्रभावित क्षेत्र: म्यांमार के अलावा, #थाईलैंड (#बैंगकॉक सहित), चीन के दक्षिण-पश्चिम हिस्से, और भारत (#कोलकाता, #दिल्ली-एनसीआर, #इंफाल तक) में झटके महसूस हुए।
क्या-क्या हुआ (नुकसान और प्रभाव):
मृत्यु और घायल:
म्यांमार में नवीनतम रिपोर्ट्स के अनुसार, 694 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, और 1,670 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
मांडले, नायप्यिदॉ (#Naypyidaw), क्यौक से (#Kyaukse), और सागाइंग में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ।
थाईलैंड में भी कुछ मौतें हुईं, खासकर बैंगकॉक में, जहाँ एक निर्माणाधीन गगनचुंबी इमारत ढह गई, जिसमें कम से कम 7 लोग मारे गए और 40 से अधिक लोग फँस गए।
यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) का अनुमान है कि मृतकों की संख्या 1,000 से अधिक हो सकती है।
इमारतों और ढांचों को नुकसान:
म्यांमार में सैकड़ों घर ढह गए। ऐतिहासिक स्थलों को भी नुकसान पहुँचा, और नायप्यिदॉ में एक अस्पताल के बाहर घायलों की भीड़ देखी गई।
#बैंगकॉक में एक ऊँची इमारत के ढहने से बचाव कार्य जारी है। कई इमारतों में दरारें आईं, और सार्वजनिक परिवहन ठप हो गया।
म्यांमार में एक #मस्जिद के ढहने की खबर है, जिसमें 20 लोगों की मौत हुई।
अन्य प्रभाव:
भूकंप के बाद कई आफ्टरशॉक्स (छोटे झटके) आए, जिनमें से एक 6.4 मैग्निट्यूड का था। इससे नुकसान और डर बढ़ गया।
म्यांमार में सुनामी की चेतावनी नहीं थी, लेकिन लोगों में दहशत फैल गई।
भारत में हल्के झटके महसूस हुए, लेकिन कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
बचाव और सहायता:
भारत ने 'ऑपरेशन ब्रह्मा' शुरू किया और 15 टन राहत सामग्री यांगून (Yangon) भेजी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार और थाईलैंड को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
अंतरराष्ट्रीय सहायता के रास्ते खोले गए हैं, लेकिन म्यांमार की सैन्य सरकार और गृहयुद्ध के कारण राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं।
वर्तमान स्थिति:
म्यांमार में हालात गंभीर हैं, क्योंकि देश पहले से ही गृहयुद्ध और अस्थिरता से जूझ रहा है। नुकसान का पूरा आकलन अभी बाकी है, और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। थाईलैंड में भी बचाव कार्य जारी हैं।
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