कुछ लोगों के अंदर negativity इतनी घर कर चुकी होती है कि वे बस कमियां खोजते हैं, जैसे आप समझ लीजिए चाँद की सुंदरता को छोड़कर उसके धब्बे पर बात करना। होना यह चाहिए कि.. धब्बे के साथ-साथ चाँद की सुंदरता पर भी बात हो!
लेकिन कैसे कर सकते हैं वो लोग, negativity जो घर कर चुकी है! 😏
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खैर...ईश्वर ऐसे लोगों को सद्बुद्धि दें। 🙏
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