#ईद इस्लाम धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। यह दो मुख्य रूपों में मनाई जाती है: ईद-उल-फितर और ईद-उल-अजहा। दोनों का अपना विशेष महत्व है।
- ईद-उल-फितर: इसे "#रमजान ईद" भी कहते हैं। यह रमजान के पवित्र महीने के खत्म होने के बाद शव्वाल महीने की पहली तारीख को मनाई जाती है। रमजान में मुसलमान पूरे महीने रोजे रखते हैं, यानी सूर्योदय से सूर्यास्त तक बिना खाए-पिए उपवास करते हैं। ईद-उल-फितर इस उपवास के सफल समापन और #अल्लाह के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन है। इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, नमाज अदा करते हैं, एक-दूसरे से गले मिलते हैं, और स्वादिष्ट व्यंजन जैसे सेवइयाँ बनाकर खाते और बांटते हैं।
- ईद-उल-अजहा: इसे "बकरीद" भी कहा जाता है। यह पैगंबर इब्राहिम (अब्राहम) की कुर्बानी की याद में मनाई जाती है। उनकी अल्लाह के प्रति आज्ञाकारिता और बलिदान की भावना को सम्मान देने के लिए इस दिन जानवर (जैसे बकरी, भेड़ या ऊंट) की कुर्बानी दी जाती है। यह त्योहार जुलहिज्जा महीने की 10वीं तारीख को मनाया जाता है, जो हज के साथ भी जुड़ा होता है। कुर्बानी का मांस तीन हिस्सों में बांटा जाता है: एक हिस्सा गरीबों के लिए, एक रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए, और एक अपने परिवार के लिए।
ईद का मूल उद्देश्य भाईचारा, एकता, दान, और अल्लाह के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना है। यह खुशी, प्रेम और साझेदारी का त्योहार है। #eid
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