1.
चुभता तो मुझे भी है बहुत कुछ
तीर की तरह पर मैं भी खामोस रहता हूँ अपनी तकदीर की तरह.
2.
न जाने कैसे इम्तहान ले रही है जिन्दगी आजकल की
मुक्कदर , मोहब्बत और दोस्त तीनो नाराज
रहते हैं.
3.
कायम आज भी जिसके दिल में ईमान
रहता है आज भी वो बन्दा इस दुनिया में परेशान रहता है.
4.
एहसास मायने रखते हैं जनाब,
रिश्तो के नाम चाहें जो रख लो..
5.
वक्त ने जरा सी करवट क्या ली
गैरो की लाइन में सबसे आगे पाया अपनों को.
6.
तन्हाई में मुस्कुराना भी इश्क
है...इस बात को सबसे छुपाना भी इश्क है...यूँ तो रातों को नींद नहीं आती...पर
रातों को सो के जाग जाना भी इश्क है.
7.
बड़ा अजीब होता है ये मोहब्बत का
खेल भी एक थक जाये तो दोनों हार जाते हैं.
8.
न मिल रहे हो न खो रहे हो , लगता
आजकल दिलचस्प हो रहे हो
.
9.
सोचा आज तेरे सिवा कुछ और सोचूँ
पर सोच में पद गया सोचूँ तो क्या सोचूँ ?
10.
हमेशा के लिए रखलो न पास अपने
...कोई पूछे तो दिल का किरायेदार बता देना.
11.
चाँद ने की होगी सूरज से मोहब्बत
इस लिए चाँद में दाग है..मुमकिन है चाँद से हुई होगी बेवफाई इसलिए तो सूरज में आग
है.
12.
रफतार इस कदर तेज है जिन्दगी की सुबह का दर्द शाम को
पुराना हो जाता है.
13.
वक्त रहता नहीं कहीं टिक
कर...आदत भी इसकी आदमी सी है.
14.
वजह न ढूँढ मेरे प्यार करने की
वर्ना बेवजह प्यार हो जायेगा.
15.
कहीं बाज़ार में मिले तो लेते
आना...वो चीज जिसे दिल का सुकून कहते हैं.
16.
तुझे भूल जाना नहीं मुमकिन , मत
कर इसका तकाजा..आँखें अंधी भी हो जायें तो आंसू बहाना नहीं छोड़ते.
.
18.
बात करो रूठे यारो से , सन्नाटे
से दर जाते हैं..इश्क अकेले जीता है, दोस्त अकेले मर जाते हैं..
20.
जिन्दगी में मैं कुछ इस तरह जीना
चाहता हूँ , किसी और के नजरो में गिर कर मैं ऊपर नहीं उठाना चाहता हूँ..
21.
अजीब सी बेचैनी है तेरे बिना, रह
भी लेते हैं और रहा भी नहीं जाता.
22.
प्यार के बिना आधा-अधूरा सा
एहसास था मैं..तुम्हारे मिलने के बाद पूरा गजल बन गया..
23.
तेरे रोने से उनको कोई फर्क नहीं
पड़ता ऐ दिल...जिनके चाहने वाले ज्यादा हों वे ज्यादा बेदर्द हुआ करते हैं..
24.
निकले दुनिया के भीड़ में अकेले
तो पता चला ग़ालिब हर वो शख्स अकेला है जो दूसरो पर भरोसा करता है.
25.
प्यार न हुआ अस्पताल हो गया , हर
शख्स पूछता है कि सीरियस है क्या ?
26.
हसरतें फूलों सी हम भी दिल में
रखते हैं...
27.
दिन भर हँसते और लोगो को भी
हंसाते हैं...शाम ढलते ही आंसुओं की आगोस में सो जाते हैं..
28.
जालिम ज़माने ने जी भर के लूटा है
हुजूर,किस-किस का नाम लूं सब अपने ही तो सामिल हैं...
.
29.
आज भी प्यारी है मुझे तेरी हर
निसानी चाहें वो दिल का दर्द हो या आँखों का पानी..
30.
कभी भूल कर भी न जाना मोहहब्त के
जंगल में या सांप नहीं हमसफर डसा करते हैं...
31.
उदास कर देती है मुझे हर शाम
क्योंकि लगता है कि भूल रहा है कोई मुझे
धीरे-धीरे...
32.
ढाई अक्षर की बात कहने में कितनी
तकलीफ उठा रखी है...तूने आँखों में छुपा रखी है मैंने होंतो में दबा रखी है....
33.
वो इश्क , वो ख्वाब , वो इबादत
जाने कहाँ गम हो गए..कल तक तो सिर्फ हम थे...अब मैं और तुम हो गए...
34.
बिखरेगा जब तेरे गाल पर तेरे आँख का आंसू ... तब तुझे एहसास होगा तेरा अपना कौन है..!
35-
- लोग पूछते हैं क्यों सुर्ख
हैं तुम्हारी आँखें , हंस के कह देता हूँ रात सों न सका , लाख चाहूं मगर ये
कह न सकूं ...रात रोने की हसरत थी रो न सका..!
36-देर-देर की मुलाकात ही अच्छी होती है जनाब क़द्र खो देता है रोज का आना –
जाना.
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